बहुत दिनों पहले की बात है एक गाँव मे बरगद का बहुत पुराना पेड था। एक बार उस पेड़ की जड मे एक बेल उग आई और देखते ही देखते कुछ ही दिनो मे उसने पूरे बरगद को ढक लिया। एक दिन बेल ने बरगद की चुटकी ली कि बरगद दादा आपकी उम्र कितनी है? बरगद ने जवाब दिया बेटी मेरी उम्र 60 साल है। बेल ने फिर चुटकी ली कि बस 60 साल मे यहीं तक पहुँचे? मुझे देखो मै कल पैदा हुई और आज आप को पूरा ढक लिया। बरगद ने कोई जवाब नही दिया बस मुस्करा दिया। समय बीता सर्दी का मौसम आया और पाला पडा और बेल मुरझा गई और नीचे गिरने लगी तब बरगद बोला क्यों बेटी क्या हुआ? बेल बोली दादा मैं तो चली, बरगद ने कहा बस एक ही झटके मे, मुझे देखो मै पिछले 60 साल से ये सर्दी, गर्मी, बरसात, तूफान झेल रहा हूँ और अडिग खडा हूँ। क्योंकि मेरी जडें मजबूत हैं।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी अपने आप पर अभिमान नहीं करना चाहिए, हम चाहे जितने भी बड़े क्यों न हो जाएं लेकिन अपने बड़ों का सदैव आदर करना चाहिये। दोस्तों चंद दिनों की जिंदगी में हमें सब के साथ मिलजुलकर रहना चाहिए और कभी भी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिये। खाली बर्तन में आवाज ज्यादा होती है जबकि भरे बर्तन में आवाज बिल्कुल नहीं होती।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें कभी भी अपने आप पर अभिमान नहीं करना चाहिए, हम चाहे जितने भी बड़े क्यों न हो जाएं लेकिन अपने बड़ों का सदैव आदर करना चाहिये। दोस्तों चंद दिनों की जिंदगी में हमें सब के साथ मिलजुलकर रहना चाहिए और कभी भी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिये। खाली बर्तन में आवाज ज्यादा होती है जबकि भरे बर्तन में आवाज बिल्कुल नहीं होती।
No comments:
Post a Comment