बकरी का बच्चा बोला कि मैं नहीं जानता कि आप क्या बजा रहे हो? ना मुझे थाप का ज्ञान, ना सुर, लय और न ही ताल की कोई समझ है? मैं तो सिर्फ़ इसलिये आता हूँ क्योंकि जो तुम्हारी ढोलक पर चमड़ा मढ़ा है वो मेरी माँ के बदन से आया है।
यही हाल आज हर उस भारतीय का है जिसे भारत माता के ज़ख़्मों की टीस थाप की तरह सुनाई देती है, आज हर राजनैतिक पार्टी की ढोलक माँ भारती के बदन की चमड़ी को अपने स्वार्थ की थापो से पीट रही है, मगर माँ भारती का ये निःशब्द रूद्र रूदन ये चीत चीत्कार कुछ मैमनो को छोड़कर किसी को सुनाई नहीं पड़ता है।
मैं Soch Aapki माध्यम से बताना चाहता हूँ कि जब तक हमारे देश की जनता जागरूक नहीं होगी तब तक हमारे देश का विकाश कभी नहीं हो सकता है और विदेशी लोग आकर हमारे देश को लूटते रहेंगे। अगर हम विदेशियों को छोड़ भी दे तो आये दिन हमारे देश में लूट, घोटाले और भ्रस्टाचार के मामले सामने आते रहते हैं और हमारे देश को खोखला बना रहे हैं और हम लोग सिर्फ उस लाचार मेमने की तरह ही देखते रहते हैं।
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